द्वारा: Dr. John Ankerberg; ©1996
Dr. John Ankerberg: यूहन्ना 14:1-3 को देखो: ‘‘तुम्हारा मन व्याकुल न हो; परमेश्वर पर विश्वास रखो और मुझ पर भी विश्वास रखो। मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते तो मैं तुमसे कह देता; क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करुँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो।’’ यीशु यहाँ पर बहुत सी बातों का वचन दे रहा है। 1) वह कहता है, ‘‘मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान है।’’ ध्यान दें, पूरी भविष्यद्वाणी एक विशेष जगह के इर्द-गिर्द घूमती है। मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि पिता का यह घर कहाँ पर है? बॉस्टन में? नहीं। पिता का घर स्वर्ग में है। 2) यीशु ने कहा, ‘‘ मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूँ।’’ वह जगह कहाँ पर है? क्या यह भी बॉस्टन में है? नहीं, वह जगह स्वर्ग में है। 3) यीशु ने कहा, ‘‘फिर आऊँगा।’’ यह रही रैप्चर (न्याय के दिन) की बात। यीशु ने कहा कि वह फिर आकर हमें अपने यहाँ ले जायेगा। 4) वह कहता है, कि ‘‘जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो।’’ आपके हिसाब से, लौटने के बाद यीशु हमें कहाँ लेकर जायेगा? वह कहता है, ‘‘जहाँ मैं रहूँ – अथार्त् स्वर्ग में – वहाँ तुम भी रहो।’’
अब, यीशु हमें स्वर्ग में अपने पिता के घर कब लेकर जायेगा? जब वह हमें लेने के लिए लौटेगा, तब। इन पदों का अर्थ यह नहीं है तो ये शब्द कोरी बकवास के सिवाय और कुछ नहीं हैं। उत्तर-महाक्लेशी मत के विश्वासियों का मानना है कि यीशु के लौटने पर, विश्वासी लोग धरती से उठा लिये जायेंगे, और वे आकाश में मसीह से मिलेंगे, और तुरंत धरती पर सीधा लौट आयेंगे। हम स्वर्ग में नहीं जायेंगे; बजाय इसके, यीशु के सहस्राब्दी राज्यकाल के दौरान उसके साथ धरती पर ही रहेंगे। लेकिन यदि वे सही हैं, तो फिर यीशु इन पदों में किसकी बात कर रहा है? ऐसे में तो वह व्यर्थ के निर्माण कार्य में लगा है; क्योंकि यीशु को गये कितना समय हुआ है? उसे गये 2000 साल हो चुके हैं। कितना बड़ा निर्माण कार्य! अब ज़रा इस बात पर ध्यान दें कि यीशु इन पदों में कह रहा है कि जब वह हमें लेने के लिए लौटेगा, तब वह हमें वहाँ ले जायेगा जहाँ वह है, अर्थात् स्वर्ग में, और हम सब वहीं जानेवाले हैं; वह हमें अपने पिता के घर ले जायेगा, और उस जगह जो वह हमारे लिए तैयार कर रहा है।
अब, १ कुरिन्थियों 15:51, 52 को देखें जहाँ यह लिखा है, कि ‘‘देखो, मैं तुम से भेद की बात कहता हूँ।’’ कौन सा भेद? अगाथा क्रिस्टी का कोई जासूसी उपन्यास? नहीं। यह यूनानी शब्द मिस्टीरियों है, जिसका अर्थ होता है ‘‘ऐसी कोई बात जो पहले ज्ञात नहीं थी।’’ यह ऐसी बात है जो परमेश्वर हम पर प्रगट करता है और बिना उसके प्रगट किये, हम इसे नहीं जान पाते। यह सच्चे विश्वासी पर प्रगट हुआ है। पौलुस एक नये सत्य का उद्घाटित करनेवाला है जिसके विषय में पहले पता नहीं था। तो, वह सत्य क्या है? भेद यह नहीं था कि प्रभु धरती पर लौटेगा। प्रेरितों को तो यह बात पहले से पता थी। याद रहे कि प्रेरितों के कार्य की पुस्तक 1:9-11 में यीशु ने उन्हें बताया था कि वह एक दिन लौटेगा। उसमें लिखा है ‘‘यह कह कर वह उनके देखते-देखते ऊपर उठा लिया गया, और बादल ने उसे उनकी आँखों से छिपा लिया। उसके जाते समय जब वे आकाश की ओर ताक रहे थे, तो देखो, दो पुरुष श्वेत वस्त्र पहने हुए उनके पास आ खड़े हुए, और उनसे कहा, ‘‘हे गलीली पुरुषों, तुम क्यों खड़े आकाश की ओर देख रहे हो? यही यीशु, जो तुम्हारे पास से स्वर्ग पर उठा लिया गया है, जिस रीति से तुमने उसे स्वर्ग को जाते देखा है, उसी रीति से वह फिर आएगा।’’ .