द्वारा: Dr. John Ankerberg, Dr. John Weldon; ©2002
पुराना नियम
अनन्त
यशायाह 40:8 घास तो सूख जाती, और फूल मुर्झा जाता है; परन्तु हमारे परमेश्वर का वचन सदैव अटल रहेगा.
भजन 119:89 – हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है.
भजन 138:2 – मैं तेरे पवित्रा मन्दिर की ओर दण्डवत् करूंगा, और तेरी करूणा और सच्चाई के कारण तेरे नाम का धन्यवाद करूंगा; क्योंकि तू ने अपने वचन को अपने बड़े नाम से अधिक महत्व दिया है.
उत्तम और भरोसे के लायक
नीतिवचन 30:5-6 – ईश्वर का एक एक वचन ताया हुआ है; वह अपने शरणागतों की ढाल ठहरा हण्उसके वचनों में कुछ मत बढ़ा, ऐसा न हो कि वह तुझे डांटे और तू झूठा ठहरे.
भजन 12:6 – परमेश्वर का वचन पवित्र है, उस चांदी के समान जो भट्टी में मिटटी पर ताई गई, और सात बार निर्मल की गई हो.
भजन 18:30 – ईश्वर का मार्ग सच्चाई; यहोवा का वचन ताया हुआ है; वह अपने सब शरणागतों की ढाल है.
भजन 19:07-9-यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है…यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं.
यह सच है
भजन 119:43, 142, 151, 16—सत्य वचन तेरी… व्यवस्था सत्य है…तेरी सब आज्ञाएं सत्य हैं…तेरे वचन को न भूलूंगा.
पवित्र और धर्मी
भजन 105:42 – क्योंकि उस ने अपने पवित्र वचन और अपने दास इब्राहीम को स्मरण किया.
भजन 119:125 – मेरी आंखें तुझ से उद्धार पाने, और तेरे धर्ममय वचन के पूरे होने की बाट जोहते जोहते रह गई हैं.
भजन 119:140 – तेरा वचन पूरी रीति से ताया हुआ है, इसलिये तेरा दास उस में प्रीति रखता है.
यिर्मयाह 33:14 – …कि कल्याण का जो वचन मैं ने इस्राएल और यहूदा के घरानों के विषय में कहा है, उसे पूरा करूंगा.
महत्वपूर्ण (और स्पष्ट)
यशायाह 59:21—और यहोवा यह कहता है, जो वाचा मैं ने उन से बान्धी है वह यह है, कि मेरा आत्मा तुझ पर ठहरा है, और अपने वचन जो मैं ने तेरे मुंह में डाले हैं अब से लेकर सर्वदा तक वे मेरे मुंह से, और, तेरे पुत्रों और पोतों के मुंह से भी कभी न हटेंगे.
यीशु मसीह और सुसमाचार
परमेश्वर के विषय में यीशु के विचार:
अनन्त
मत्ती 24:55 – आकाश और पृथ्वी टल जाएंगे, परन्तु मेरी बातें कभी न टलेंगी.
भरोसेमंद
मत्ती 5: 18 – लोप करने नहीं, परन्तु पूरा करने आया हूं, क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूं, कि जब तक आकाश और पृथ्वी टल न जाएं, तब तक व्यवस्था से एक मात्रा या बिन्दु भी बिना पूरा हुए नहीं टलेगा.
यहुन्ना 5 :47 – परन्तु यदि तुम उस (मूसा) की लिखी हुई बातों की प्रतीति नहीं करते, तो मेरी बातों की क्योंकर प्रतीति करोगे?
यहुन्ना 10: 35 -…और पवित्र शास्त्र की बात लोप नहीं हो सकती…
यूहन्ना 12:49-50 – क्योंकि मैं ने अपनी ओर से बातें नहीं कीं, परन्तु पिता जिस ने मुझे भेजा है उसी ने मुझे आज्ञा दी है, कि क्या क्या कहूँ और क्या क्या बोलूँ.
यूहन्ना 17:8 – जो बातें तू ने मुझे पहुंचा दीं, मैं ने उन्हें उन को पहुंचा दिया…
लूका 16:17 – आकाश और पृथ्वी का टल जाना व्यवस्था के एक बिन्दु के मिट जाने से सहज है.
यह सच है
यूहन्ना 17:17-सत्य के द्वारा उन्हें पवित्र कर: तेरा वचन सत्य है.
पवित्र
यूहन्ना 7: 16 – मेरा उपदेश मेरा नहीं, परन्तु मेरे भेजनेवाले का है. (तुलना कीजिये 12:49-50)
महत्वपूर्ण (और स्पष्ट)
मत्ती 4: 4 यीशु ने उत्तर दिया; कि लिखा है कि ”मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा.”
नए नियम का शेष भाग
परमेश्वर के वचन के विषय में प्रेरितों का विचार:
अनन्त
1 पतरस 1:25 – परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहेगा.
प्रेरित
2 तीमुथियुस 3 :16-17 – हर एक पवित्र-शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है, ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए.
2 पतरस 1 :20-21 – … पवित्र शास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी किसी के अपने ही विचारधारा के आधार पर पूर्ण नहीं होती, क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाकर परमेश्वर की ओर से बोलते थे.
2 पतरस 3: 2, 15-16 – मैं तुम्हें सुधि दिला कर तुम्हारे शुद्ध मन को उभारता हूँ. कि तुम उन बातों को, जो पवित्र भविष्यद्वक्ताओं ने पहिले से कही हैं और प्रभु, और उद्धारकर्ता की उस आज्ञा को स्मरण करो, जो तुम्हारे प्रेरितों के द्वारा दी गई थी. …. और हमारे प्रभु के धीरज को उद्धार समझो, जैसे हमारे प्रिय भाई पौलुस न भी उस ज्ञान के अनुसार जो उसे मिला, तुम्हें लिखा है. वैसे ही उस ने अपनी सब पत्रियों में भी इन बातों की चर्चा की है जिन में कितनी बातें ऐसी है, जिनका समझना कठिन है, और अनपढ़ और चंचल लोग उन के अर्थों को भी पवित्र-शास्त्र की और बातों की नाईं खींच तान कर अपने ही नाश का कारण बनाते हैं . (यह नए नियम की प्रेरणा को दर्शाता है.)
जीवित और प्रबल
इब्रानियों 4 :12 – क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है… (प्रेरितों 7:38 से तुलना करें)
1 पतरस 1:23 – क्योंकि तुम ने नाशमान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीवते और सदा ठहरने वाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है.
यह सच है
2 तीमुथियुस 2:15 – अपने आप को परमेश्वर का ग्रहणयोग्य और ऐसा काम करनेवाला ठहराने का प्रयत्न कर, जो लज्जित होने न पाए, और जो सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाता हो.
मानवीय नहीं
1 थिस्सलुनीकियों 2: 13 – इसलिये हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं; कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुंचा, तो तुम ने उस मनुष्यों का नहीं, परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण कियाः और वह तुम में जो विश्वास रखते हो, प्रभावशाली है.
1 थिस्सलुनीकियों 4: 8 – इस कारण जो (वचन को) तुच्छ जानता है, वह मनुष्य को नहीं, परन्तु परमेश्वर को तुच्छ जानता है, जो अपना पवित्र आत्मा तुम्हें देता है.
पवित्र
2 तीमुथियुस 3: 15 – … और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है…
महत्वपूर्ण (और स्पष्ट)
प्रकाशितवाक्य 22:18-19-मैं हर किसी कौन चेतावनी दी पुस्तक की भविष्यवाणी की बातें सुनता है: किसी को भी उन्हें कोई कहते हैं, परमेश्वर विपत्तियों उसमें पुस्तक में वर्णित उसे करने के लिए जोड़ देगा. और किसी को भी दूर भविष्यवाणी की किताब से शब्दों लेता है, परमेश्वर उसके पास से है उसमें पुस्तक में वर्णित है, जो जीवन उसमें पवित्र शहर, अपने हिस्से की उसमें पेड़ दूर ले जाएगा.
1 कुरिन्थियों 2 :12-13 – परन्तु हमने संसार की आत्मा नहीं, परन्तु वह आत्मा पाया है, जो परमेश्वर की ओर से है, कि हम उन बातों को जानें, जो परमेश्वर ने हमें दी हैं. जिन को हम मनुष्यों के ज्ञान की सिखाई हुई बातों में नहीं, परन्तु आत्मा की सिखाई हुई बातों में, आत्मिक बातें आत्मिक बातों से मिला मिला कर सुनाते हैं … (14वाँ पद देखें)
रोमियों 3: 2 – … कि परमेश्वर के वचन उन को सौंपे गए.
परमेश्वर का चरित्र और वचन की अचूकता व अधिकार
अच्छा