द्वारा: Dr. John Ankerberg / Dr. John Weldon; ©2006
बहुत मसीही जनों को उचित शिक्षा न मिलने के कारण , अपने स्वयं के उद्धार का आश्वासन या निश्चय नहीं है. इस वजह से वे अनन्त सुरक्षा के सिद्धांत (कि मसीह में सच्चा विश्वासी कभी अपने उद्धार को खो नहीं सकता) को अस्वीकार करते हें.
लेकिन हम यह विश्वास करते हें कि परमेश्वर हमसे न केवल चाहता है कि हमें इस जीवन में उद्धार का आश्वासन प्राप्त हो परन्तु वह यह भी चाहता है कि हम जाने की हम कभी न खोएंगे.[1] मसीह ने 2000 साल पहले जब हमारे पापों के लिए पूर्ण दंड का भुगतान किया था तब, समझें, हमारे सभी पाप क्षमा किए जा चुके थे जो उस समय भविष्यकालीन थे. अगर बाइबल हमे सिखाती है कि हमारे पाप मसीह में उसी पल क्षमा कर दिए गए थे जब हमने मसीह यीशु में विश्वास किया था, तो यह तार्किक है कि इसमें भविष्य के सब पाप भी शामिल है (कुलु 2:13). वह खुद परमेश्वर मर जाता है इसलिए, जब (रोमी 8:28-38 कृपया पढ़ें) जीवन उसमें सकता है क्या आ, व्यक्ति उद्धार के लिए मसीह एकमात्र उसमें कौन ट्रस्टों स्वर्ग में जाना जाएगा कि वह , नाश वा फीका खराब नहीं कि के पास “an विरासत ” आस्तिक बताते हैं यह के लिए “kept उसमें स्वर्ग जो “(1 पत 1:4). उद्धार परमेश्वर इसे अपनी उपलब्धि के लिए मानव योग्यता वा अच्छा काम करता है पर निर्भर कोई रास्ता परमेश्वर जो उसमें की एक अनुग्रह अधिनियम शामिल है ठीक पूरी तरह से सुरक्षित जो प्रदान करता है. यह बस एक मुफ्त उपहार रोमी. 3 जो: 24)!
क्योंकि उद्धार परमेश्वर के अनुग्रह से होता है और यह किसी प्रकार हमारे किसी भी प्रयास पर निर्भर नहीं कि हम इसे पा ले, और क्योंकि सभी पाप के लिए परमेश्वर का दंड पूरी तरह यीशु द्वारा क्रूस पर भुगतान कर दिया गया था, बाइबल सिखाती है कि वे जो मसीह को सच्चे दिल से अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण कर लेते है, उस पल से आगे पूर्णरूपेण आश्वस्त हो जाएं कि अनन्त जीवन उनका है. दुबारा, निम्नलिखित वचनों पर सावधानीपूर्वक विचार करें:
मैं तुमसे सच कहता हूं, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजने वाले पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उस का है; और उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है (युहन्ना 5:24, महत्व दिया गया).
में तुमसे सत्य, कि जो कोई विश्वास करता है, (युहन्ना 6:47, महत्व दिया गया). अनन्त जीवन उसी का है गया
में तुमसे सच कहता हूँ अनन्त जीवन (१ यहुन्ना 5 है पता तुमको यह बातें में इसलिए लिख रहा हूँ जिससे तुम ये जो मानते हैं आप: 13, महत्व दिया गया).
फिर वही बात है कि ये पद सिखाते है कि परमेश्वर चाहते है कि विश्वासी जाने कि वे अनन्त जीवन के अधिकारी हैं जो केवल यीशु में अपने निजी विश्वास के द्वारा है. अब यदि कोई भी व्यक्ति अनन्त जीवन का हकदार बन जाये, तो वह उसे कैसे खो सकता है?
दुर्भाग्य से, ऊपर दिए पद यह नहीं दर्शाते कि अन्य मसीही सम्प्रदायों की शिक्षा के अनुसार उद्धार आंशिक रूप से या पूरी तरह से अपने अच्छे कामों के द्वारा या व्यक्तिगत योग्यता के आधार पर अर्जित किया जा सकता है.
नि:सन्देह बाइबल के अनुसार उद्धार एक प्रक्रिया माना जा सकता है, परन्तु केवल इस अर्थ में कि निष्पाप सिद्धता और महिमा मौत के होने तक प्राप्त नहीं कर सकते. इसलिए हम इस जीवन में अपनी पवित्रता को बढ़ाने के लिए न कि कर्मों के लिए अपितु हमारे उद्धार पा लेने तथा अनन्त जीवन का वरदान पाने के परिणाम स्वरुप इस जीवन में संघर्ष करते हें (फिली. 2:12), , इस प्रकार, बाइबिल के अनुसार, सच्चा उद्धार अर्थात परमेश्वर के समक्ष हमारी न्यायोचित अवस्था और सभी पापों की क्षमा—उस पल होता है(जब हम मसीह को व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण करते हैं) हालांकि स्वाभाविक उद्धार के प्रभाव (प्रगतिशील पवित्रता या पवित्रता में वृद्धि) संपूर्ण जीवन का काम है.
इस प्रकार, 1) परमेश्वर के साथ अखण्ड मेल (पापों की पूर्ण क्षमा और पाप के दंड का रद्द किया जाना), 2) नया जन्म (परमेश्वर में आत्मिक रीती से जिलाया जाना और अनन्त जीवन पाना), और 3) धर्मी ठहराया जाना ( विश्वासी को मसीह की पूर्ण एवं अखण्ड धार्मिकता का दिया जाना) सभी एक पल में हो जाता हैं, उस पल जिस पल मनुष्य मसीह में विश्वास करता है.
वे परमेश्वर के उपहार हैं इसलिए वे अटल हैं, और परमेश्वर कहता है कि वह जो देता है उसे कभी वापस नहीं लेता हैं: “क्योंकि परमेश्वर के वरदान और बुलाहट अटल हैं” (रोमी. 11:29). इसमें उद्धार के निमित्त परमेश्वर की बुलाहट और उनका चुनाव भी शामिल है (Eph 1: 4,5,11, 13:48 प्रेरितों).
सारांश:
1. उद्धार, या परमेश्वर के समक्ष अनन्त सही ठहराया जाना, पूरी तरह से मसीह की मौत के कारण होता है (जो मसीह ने क्रूस पर किया) और पूरी तरह से अच्छे कामों और व्यक्तिगत धार्मिकता (१ यहुन्ना 2: 2; (1 पतरस 2: 24; रोमी. 10: 13; यूहन्ना 14:06; प्रेरितों 4: 12).
2. क्रूस पर यीशु मसीह ने संपूर्णता में सारे पापों का पूरा दंड उठाया है (इब्रा 10: 12,14).
3. . परमेश्वर के सामने खड़े होने के संदर्भ में, पूर्ण उद्धार एक पल में प्राप्त होता है (1 कोर 5 :17-21, (1 पतरस 2:. 24) यह पवित्रीकरण के समान एक आजीवन प्रक्रिया नहीं है जो समय के साथ होती है या बढती रहती है.
4. पूर्ण उद्धार केवल व्यक्तिगत विश्वास द्वारा प्राप्त होता है—पापों की क्षमा के लिए यीशु में विश्वास के द्वारा (यूहन्ना 1: 12; रोमी. 10: 9,10, Eph 2:. 8,9). अच्छे काम उद्धार का कारण नही; उसके परिणाम स्वरुप उत्पन्न होते है; (Eph. 2: 10; रोमी. 12:1,2). इसलिए, अच्छे काम हमारे उद्धार का आंशिक कारण भी नहीं हो सकते है (रोमी. 11:06; गल 3: 13,21, 4: 9,10, , 4).
5. उद्धार पाने के समय एक व्यक्ति पूरी तरह से – आंशिक रूप से— धर्मी ठहराया जाता है (रोमी. 3: 28; ). दूसरे शब्दों में, मनुष्य परमेश्वर द्वारा पूर्ण एवं निर्णायक रूप से धर्मी घोषित किया जाता है. उसके सभी पाप माफ़ किये जाते हें और परमेश्वर उसे न्यायिक तौर में धर्मी ठहराता है (परमेश्वर की दृष्टि में पूरी तरह से धर्मी), हालांकि वह अपनी पापी प्रकृति के कारण सदा एक पापी ही है (रोमी. 3 :28-4: 6; याकु. 2: 10; 3: 2; १ यहुन्ना 18-10). इसका मतलब यह है कि समय के एक पल में ही मनुष्य आत्मिक मौत से आत्मिक जीवन में प्रवेश कर गया है, और उसे स्वर्ग में जाने के लिए और कुछ करने की जरुरत नहीं है (युहन्ना 5:24 देखें). एक बार धर्मी ठहराए जाने के बाद, मनुष्य कभी अपनी धार्मिकता को खो नहीं सकता ((रोमी. 8 :30-38 देखो, 11:29).
6. उद्धार पाने के समय मनुष्य का नया जन्म हो जाता है—परमेश्वर ने उसे आत्मिक रीती से जिलाया है और उसको अनंत जीवन दिया है. नया जन्म बप्तिस्मा के समय या मौत के समय नहीं होता; बल्कि, यह उद्धार के विश्वास के पल में होता है. यह तथ्य कि नया जन्म अनंत जीवन प्रदान करता है, बाइबल आधारित उद्धार की पुष्टि करता है (युहन्ना 6:47; १ यहुन्ना 5: 13).
7. क्योंकि मनुष्य अब अनंत जीवन का अधिकारी है, अतः उसका उद्धार, कभी भी खोया नहीं जा सकता (Eph. 1 :11-12; 1: पतरस 1 :3-5). ऐसा मनुष्य अपने कर्मों और पापों से निर्पेक्ष उद्धारक विश्वास के पल से ही अनंतकाल के लिए सुरक्षित है (रोमी 8:28-38).
अंत में, तुलनात्मक धर्म के क्षेत्र में, बाइबिल उद्धार के विषय में जो सिखाता है सचमुच क्रान्तिकारी है–अनंत उद्धार, केवल अनुग्रह के द्वारा, एक निर्मोल वरदान जो और कहीं पाया नहीं जाता है.
नोट्स
1. ↑ We wrote our book, अनन्त सुरक्षा (Harvest House)—to prove this Scripturally. का विषय सच जानने