द्वारा: Dr. John Ankerberg and Dr. Edwin Lutzer; ©2002
Dr. John Ankerberg: मरने के बाद क्या होगा, एक ऐसा विषय है, जिसमे लोगों की रुचि हमेशा रहती है. वास्तव में, कुछ लोगों में तो यह जानने की उत्सुकता इतनी अधिक होती है, कि वह कुछ अजीब स्रोतों के माध्यम से भी जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं. उनमें से कुछेक के बारे में बताएँ.
Dr. Erwin Lutzer: जॉन, पर्दे के पीछे क्या है, यह जानने कि इच्छा इतनी ज्यादा है कि कुछेक तो ऐसा भी पूछ चुके हैं, “क्या यह संभव नहीं कि हम पर्दे के पीछे झाँक कर देख सके कि वहाँ क्या है?” उदाहरण के लिए, हम सब जानते हैं कि “चेनलिंग” जैसी एक चीज़ है, जिसके द्वारा आप आत्माओं के साथ संपर्क करते हैं, और माना जाता है कि इस संपर्क के द्वारा लोग यह जान सकते हैं कि दूसरी ओर क्या है.
एक दिन मैं एक पुस्तकालय में था, और मैंने Bishop Pike द्वारा लिखी गयी एक किताब उठाई, “The Other Side”. आपको याद होगा, उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली थी, और वह पता लगाना चाहते थे कि दूसरी ओर माहौल कैसा है, और उन्हें लगा कि उनका बेटा उनके साथ बात करने की कोशिश कर रहा है. Pike एक माध्यम के पास गया, और वह उनके बेटे के साथ संपर्क में थी. मैं उनकी वह बातचीत कभी नहीं भूल सकूँगा.
उदाहरण के लिए, जब बेटे से पूछा गया, “क्या दूसरी ओर यीशु की बातें होती हैं?” उसका जवाब था, “नहीं.” उसने कहा, “हम दूसरी तरफ यहाँ यीशु के बारे में ज्यादा बातें नहीं करते हैं.”
ठीक है, जानते हो, मैं क्या करना चाहता हूँ? मैं आज सुझाव देना चाहता हूँ, मेरे दोस्त, अगर आप मर जाते हैं, और आप एक ऐसी जगह में हैं जहाँ यीशु के बारे में ज्यादा बातें नहीं हो रही है, तो आप गलत जगह पर हैं.
अब, सवाल यह है, “तो फिर, यह आत्मा, यह माध्यम, Bishop Pike के बेटे के बारे में कैसे जानते थे?” आपको पता है बाइबिल बुरी आत्माओं के बारे में बताती है; जो “परिचित आत्माओं” के रूप में आती हैं. क्या आप जानते हैं, कि वास्तव में ऐसी शैतानी शक्तियाँ मौजूद हैं जो हमारे बारे में जानती हैं; वे हम पर नज़र रखती हैं? और ऐसे में यह पूरी तरह संभव है कि इन आत्माओ के साथ संपर्क में रहनेवाला एक माध्यम, उस जवान लड़के के बारे में जानकारी दे सके.
अब, सुनिए बाइबिल क्या कहती है. यह बहुत स्पष्ट रीति से कहती है की हम माध्यम से परामर्श नहीं लेते: “जब लोग तुम से कहें कि ओझाओं और टोन्हों के पास जाकर पूछो जो गुनगुनाते और फुसफुसाते हैं, तब तुम यह कहना कि क्या प्रजा को अपने परमेश्वर ही के पास जाकर न पूछना चाहिये? क्या जीवतों के लिये मुर्दों से पूछना चाहिये?” (यशायाह 8: 19) आत्मिक दुनिया में इस तरह की ताक-झाँक की परमेश्वर निंदा करता है, क्योंकि वहाँ बहुत कपटी आत्मायें भी हैं.
अब, कभी-कभी लोग “पुनर्जन्म” को भी एक माध्यम की तरह ले लेते हैं. एक दिन हवाई यात्रा करते समय, शर्ली नाम की एक औरत मेरी बगल में बैठी थी. जब शर्ली को पता चला कि मैं एक अगुवा हूँ, तो उसने कहा, “ओह! मैं आपसे इर्ष्या करती हूँ क्योंकि आपके पास कई लोगो के साथ बातचीत करने का अवसर है; चंगाई का प्रदर्शन तो मैं भी कर सकती हूँ, और मेरे पास सारी जानकारी भी है!” और उसने मुझसे कहा कि वो पुनर्जन्म में विश्वास करती है, क्योंकि उसने कहा, “वरमोंट में एक घर था, जिसके बारे में मुझे सपने आते थे. मुझे इसके बारे में दर्शन मिला था.”
उसने कहा, “मैं उस राज्य में कभी नही गयी थी, लेकिन जब वयस्क होकर मैं वहाँ गयी, और मुझे वह घर वहाँ मिला, तब जाकर मुझे पता चला कि मैं 18 वीं सदी में वहाँ रहती थी.”
तब मैंने कहा, “शर्ली, मैं चाहता हूँ कि आप कुछ जान लें. आत्माएँ कभी भी एक शरीर से दूसरे शरीर में नहीं जातीं, लेकिन बुरी आत्माएँ ज़रूर ऐसा करती हैं.” मैंने कहा, “आपको यह जानकारी आत्मिक दुनिया से मिल रही है. बुरी आत्माओ ने ही, आपको वरमोंट में उस घर की जानकारी दी है.”
उसने मुझे विरोध के साथ देखा और कहा, “बिल्कुल नहीं! मेरा बुरी आत्माओं से कोई लेना-देना नहीं है. मैं तो केवल उन्ही के साथ संवाद करती हूँ जो प्रकाश को पहनकर आते हैं.”
खैर, आपको क्या लगता है, मैंने शर्ली को बाइबिल से कौन सा वचन दिया होगा? 2 कुरिन्थियों 11:14 में बाइबिल कहती है कि, “खुद शैतान प्रकाश की एक दूत के रूप में तब्दील हो जाता है.” आज मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ, मेरे मित्र! वहाँ बाहर बहुत धोखा चल रहा है.
Ankerberg: मौत के नज़दीक का अनुभव क्या है? हम उसके बारे में बहुत कुछ सुनते रहते हैं. वास्तव में, कुछ साल पहले हमने इस विषय पर कार्यक्रमों की एक श्रृंखला भी की थी. बस संक्षेप में, यदि आप बता दें, कि क्या हम उस जानकारी पर भरोसा कर सकते हैं जो इस तरह के अनुभवों से आती है?
Lutzer: मुझे यकीन है, मौत के नज़दीक के अनुभव के बारे में बात करते समय, वह पहली चीज़ जो कई लोगो के मन में आती है, वह है “Embraced by the Light”, Betty Eadie की लिखी किताब (जो, संयोग से, प्रभु यीशु मसीह को समर्पित है). लेकिन यह किताब कपट से भरी पड़ी है, क्योंकि यह आभास देती है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद, यीशु हर किसी को गले लगाता है. कोई न्याय नहीं है. और वह इस पर एक कथन भी देती है कि, “मैं यीशु के योग्य थी.”
मेरे प्रिय मित्र, मैं चाहता हूँ कि आप जानो कि यह नए नियम का यीशु नहीं है, क्योंकि बाइबिल यह स्पष्ट कहती है कि मौत सब के लिए एक अद्भुत अनुभव नहीं है. वास्तव में, इस विषय पर लिखनेवाले कुछ लोगों ने कहा है, कि इनमें से कुछेक लोगों का अनुभव बहुत भयावह था. जिसका वर्णन करते हुए उन्होंने, वास्तव में, इसे “नरक” का अनुभव बताया है, न कि हर किसी को गले लगाने वाले एक यीशु का.
मुझे याद है एक औरत मुझसे कह रही थी, “तुम्हे पता है, मुझे मौत के नज़दीक का अनुभव हुआ था,” और उसने कहा, “यीशु ने मेरा हाथ पकड़ा और दुनिया के सारे धर्मो को मुझे दिखाया. उसने कहा, ‘यहाँ बुद्ध धर्म है,’ और ‘ यहाँ हिन्दू धर्म है,’ और ‘ यहाँ इस्लाम मत है.” फिर उस औरत ने कहा, “यीशु ने मुझसे कहा कि ये सारे धर्म एक ही स्थान की ओर जाते हैं.”
एक बार फिर, मैं चाहता हूँ कि तुम जानो, मेरे मित्र, यह बाइबिल का यीशु नहीं है जिसने कहा था कि “ मार्ग, सत्य और जीवन” वही है, और यह कि उसके बिना “कोई भी पिता के पास नही पहुँच सकता” (यूहन्ना 14:6). यीशु को अपनी पहचान को लेकर कोई संदेह नहीं है. वास्तव में, बाइबिल कहती है कि मसीह बहुत से हैं, और इसलिए हमें इस तथ्य पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि ऐसी दुष्ट आत्मायें मौजूद हैं जो धोखा देने के लिए “यीशु” तक का नाम लेती हैं (मत्ती. 24:23-24).
Ankerberg: आप जानते हैं कोई यह पूछ सकता है, कि चलो जवाब दो. स्तिफनुस के अनुभव के बारे में क्या कहोगे?
Lutzer: नए नियम की उस कहानी से मुझे बहुत प्यार है (प्रेरितों 7) जिसमें स्तिफानुस पर पथराव किया गया था, आप को याद होगा, और पथराव के दौरान, देखो, स्वर्ग खुल जाता है, और वह परमेश्वर के पुत्र को, परमेश्वर के सिंहासन की दहिनी ओर खड़ा देखता है. जॉन, मैं अकसर उस अध्याय के बारे में सोचता हूँ क्योंकि, आप जानते हैं, पूरे नए नियम में यह एकलौती जगह है जहाँ यीशु मसीह परमेश्वर पिता की दहिनी ओर खड़ा हुआ दिखाई देता है. दूसरी जगहों पर मसीह हमेशा बैठा है, लेकिन यहाँ लगता है कि जैसे यीशु कह रहा है, “स्तिफानुस, वफ़ादार बने रहो. वफ़ादार रहो, क्योंकि जिस पल तुम मरोगे, तुम्हें स्वीकार करने के लिए मैं यहाँ हूँ.”
लेकिन यह रही मुद्दे की बात: क्या मौत के नज़दीक का अनुभव होना संभव है? कभी-कभी जीवन और मौत के बीच से गुज़रनेवालों ने अपने रिश्तेदारों को देखने की बात कही है – दादा या दादी या एक बच्चा. यह निश्चित रूप से संभव है. मरने से पहले स्तिफानुस ने प्रभु यीशु मसीह को देखा था.
.लेकिन आज, मैं आपको सावधान करना चाहता हूँ, कि शैतान भी सबको ऐसे सकारात्मक अनुभव देना चाहेगा. और धोखा वहीं पर होता है. मौत के नज़दीक का अनुभव तब तक पूरी तरह से प्रामाणिक नहीं होता जब तक कि वह उस बात से मेल नहीं खाए जो परमेश्वर मृत्यु के बारे में कहता है.
अब, यह मेरी सोच है. में ज्यादा रूचि नही रखता कि क्या होगा जब में “नजदीक” हु मौत के. में जानना चाहता हु कि क्या होगा जब में वास्तव में मरूँगा. यह अंतिम स्थान के रूप में मुझे ज्यादा चिंता है संक्रमण से भी ज्यादा. में आज आपसे यह बात अपने दिल से बाटना चाहता हूँ.
सच कहूँ, तो मेरे विचार से, लोगों का अपनी मौत के नज़दीक के अनुभवों पर विश्वास करना अहंकार है. मैं किसी का सिर्फ इसलिए विश्वास नहीं करना चाहता कि वह मृत्यु के “पास” था, क्योंकि मैं संक्रांति में इतनी रूचि नही रखता. मैं अंतिम स्थान में रूचि रखता हूँ. किसी ऐसे पर विश्वास करना कितना बेहतर है जो वास्तव में मरा, और फिर मुर्दों में से जिलाया गया क्योंकि वही हमें विश्वसनीय रूप से बता सकता है कि दूसरी ओर क्या है. मैं प्रकाशितवाक्य 1:18 में यीशु के शब्दों पर विचार करता हूँ. उसने कहा था, “मैं मर गया था, और अब देखो; मैं युगानुयुग जीवता हूँ; और मृत्यु और अधोलोक की कुंजियाँ मेरे ही पास हैं.”
दिन के अंत में, हमें एक विश्वसनीय नक्शे की जरूरत है. हमें एक विश्वसनीय पथप्रदर्शक की ज़रूरत है, जो हमारी यह जानने में मदद कर सके कि दूसरी ओर क्या है. केवल यीशु मसीह ही ऐसा करने के योग्य है. इसलिए जो कुछ भी यीशु मसीह ने नए नियम में हमसे कहा है, हमें उन बातों को पकड़े रहना है, क्योंकि केवल वही है जो हमें बता सकता है कि मरने के बाद हमारा क्या होता है.